शुक्रवार, 30 जुलाई 2010

हर बार की तरह

वो अकेले ही चल दिये और हम खड़े रह गये ,
हर बार की तरह आंशु आज भी बह गये ,
मैनें याद किया उसे हर लम्हा,
और उसने हंसके कहा-" याद किया सबको बस एक तुम्ही रह गये "