Naresh Kaushik
शुक्रवार, 30 जुलाई 2010
हर बार की तरह
वो अकेले ही चल दिये और हम खड़े रह गये ,
हर बार की तरह आंशु आज भी बह गये ,
मैनें याद किया उसे हर लम्हा,
और उसने हंसके कहा-" याद किया सबको बस एक तुम्ही रह गये "
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